संस्कृत भाषा में ज्ञान का भंडार छिपा हुआ है। यह हमें जीवन, नैतिकता, और संबंधों के बारे में गहन दृष्टिकोण प्रदान करती है। सुभाषित छोटे लेकिन गहन और सारगर्भित श्लोक होते हैं जो जीवन को दिशा देने वाली सीख देते हैं। इस ब्लॉग में हम कुछ सुंदर संस्कृत सुभाषित प्रस्तुत कर रहे हैं, जिनका अर्थ हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में दिया गया है।
सूक्ति
“अगुणस्य हतं रूपम्।”
हिंदी में अर्थ : जिस व्यक्ति में गुण नहीं होते, उसका रूप (सौंदर्य) व्यर्थ हो जाता है।
English Translation : The beauty of a person without good qualities is wasted.
व्याख्या : यह सुभाषित इस तथ्य पर प्रकाश डालता है कि केवल शारीरिक सुंदरता का कोई मूल्य नहीं होता अगर व्यक्ति के अंदर अच्छे गुण नहीं होते। सुंदरता तब तक सार्थक नहीं होती जब तक उसे अच्छे आचरण, सद्गुणों और चरित्र का साथ न मिले। केवल बाहरी रूप से सुंदर होना, परन्तु भीतर से गुणहीन होना व्यक्ति को सच्चे अर्थों में आकर्षक नहीं बनाता। इस श्लोक का उद्देश्य यह सिखाना है कि व्यक्ति का असली सौंदर्य उसके गुणों में निहित होता है, न कि केवल उसके शारीरिक रूप में।
Explanation : This subhashita emphasizes that physical beauty alone is of little value if a person lacks good qualities. True beauty is only meaningful when it is accompanied by virtues, good character, and noble behavior. Merely having an attractive appearance, but being devoid of inner qualities, does not make a person truly admirable. The essence of this verse is to teach that real beauty lies in a person’s virtues, not just in their physical appearance.