Bhagavad Gita Chapter 4 Shloka 3 | श्रीमद्भगवद्गीता
श्रीमद् भगवद् गीता चतुर्थ अध्याय ज्ञानकर्मसंन्यासयोग
स एवायं मया तेऽद्य योग: प्रोक्त: पुरातन: |भक्तोऽसि मे सखा चेति रहस्यं ह्येतदुत्तमम् || ३ ||
sa evāyaṁ mayā te...
Bhagavad Gita Chapter 4 Shloka 2 | श्रीमद्भगवद्गीता
श्रीमद् भगवद् गीता चतुर्थ अध्याय ज्ञानकर्मसंन्यासयोग
एवं परम्पराप्राप्तमिमं राजर्षयो विदु: |स कालेनेह महता योगो नष्ट: परन्तप || २ ||
evaṁ paramparā-prāptam imaṁ rājarṣhayo viduḥsa kāleneha mahatā...
Bhagavad Gita Chapter 4 Shloka 1 | श्रीमद्भगवद्गीता
श्रीमद् भगवद् गीता चतुर्थ अध्याय ज्ञानकर्मसंन्यासयोग
श्रीभगवानुवाचइमं विवस्वते योगं प्रोक्तवानहमव्ययम् |विवस्वान्मनवे प्राह मनुरिक्ष्वाकवेऽब्रवीत् || १ ||
śhrī bhagavān uvāchaimaṁ vivasvate yogaṁ proktavān aham avyayamvivasvān manave prāha...
Srimad Bhagavad Gita Chapter 3 | कर्मयोग
भगवद गीता अध्याय 3 कर्मयोग
3.13.23.33.43.53.63.73.83.93.103.113.123.133.143.153.163.173.183.193.203.213.223.233.243.253.263.273.283.293.303.313.323.333.343.353.363.373.383.393.403.413.423.43
Chapter 2
Chapter 4
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Bhagavad Gita Chapter 3 Shloka 43 | श्रीमद्भगवद्गीता
श्रीमद् भगवद् गीता तृतीय अध्याय कर्मयोग
एवं बुद्धे: परं बुद्ध्वा संस्तभ्यात्मानमात्मना |जहि शत्रुं महाबाहो कामरूपं दुरासदम् || ४३ ||
evaṁ buddheḥ paraṁ buddhvā sanstabhyātmānam ātmanājahi śhatruṁ...
Bhagavad Gita Chapter 3 Shloka 42 | श्रीमद्भगवद्गीता
श्रीमद् भगवद् गीता तृतीय अध्याय कर्मयोग
इन्द्रियाणि पराण्याहुरिन्द्रियेभ्य: परं मन: |मनसस्तु परा बुद्धिर्यो बुद्धे: परतस्तु स: || ४२ ||
indriyāṇi parāṇyāhur indriyebhyaḥ paraṁ manaḥmanasas tu parā...