Bhagavad Gita Chapter 5 Shloka 15 | श्रीमद्भगवद्गीता
श्रीमद् भगवद् गीता पंचम अध्याय कर्मसंन्यासयोग
नादत्ते कस्यचित्पापं न चैव सुकृतं विभु: |अज्ञानेनावृतं ज्ञानं तेन मुह्यन्ति जन्तव: || १५ ||
nādatte kasyachit pāpaṁ na chaiva sukṛitaṁ...
Bhagavad Gita Chapter 5 Shloka 14 | श्रीमद्भगवद्गीता
श्रीमद् भगवद् गीता पंचम अध्याय कर्मसंन्यासयोग
न कर्तृत्वं न कर्माणि लोकस्य सृजति प्रभु: |न कर्मफलसंयोगं स्वभावस्तु प्रवर्तते || १४ ||
na kartṛitvaṁ na karmāṇi lokasya sṛijati...
Bhagavad Gita Chapter 5 Shloka 13 | श्रीमद्भगवद्गीता
श्रीमद् भगवद् गीता पंचम अध्याय कर्मसंन्यासयोग
सर्वकर्माणि मनसा संन्यस्यास्ते सुखं वशी |नवद्वारे पुरे देही नैव कुर्वन्न कारयन् || १३ ||
sarva-karmāṇi manasā sannyasyāste sukhaṁ vaśhīnava-dvāre pure...
Bhagavad Gita Chapter 5 Shloka 12 | श्रीमद्भगवद्गीता
श्रीमद् भगवद् गीता पंचम अध्याय कर्मसंन्यासयोग
युक्त: कर्मफलं त्यक्त्वा शान्तिमाप्नोति नैष्ठिकीम् |अयुक्त: कामकारेण फले सक्तो निबध्यते || १२ ||
yuktaḥ karma-phalaṁ tyaktvā śhāntim āpnoti naiṣhṭhikīmayuktaḥ kāma-kāreṇa...
Bhagavad Gita Chapter 5 Shloka 11 | श्रीमद्भगवद्गीता
श्रीमद् भगवद् गीता पंचम अध्याय कर्मसंन्यासयोग
कायेन मनसा बुद्ध्या केवलैरिन्द्रियैरपि |योगिन: कर्म कुर्वन्ति सङ्गं त्यक्त्वात्मशुद्धये || ११ ||
kāyena manasā buddhyā kevalair indriyair apiyoginaḥ karma kurvanti...
Bhagavad Gita Chapter 5 Shloka 10 | श्रीमद्भगवद्गीता
श्रीमद् भगवद् गीता पंचम अध्याय कर्मसंन्यासयोग
ब्रह्मण्याधाय कर्माणि सङ्गं त्यक्त्वा करोति य: |लिप्यते न स पापेन पद्मपत्रमिवाम्भसा || १० ||
brahmaṇyādhāya karmāṇi saṅgaṁ tyaktvā karoti yaḥlipyate...